अहमदाबाद-राजकोट सिक्स लेन हाईवे का महत्वपूर्ण परिचय
गुजरात राज्य को सौराष्ट्र क्षेत्र से जोड़ने वाली यह प्रमुख highway परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग NH-47 का हिस्सा है, जो व्यापार और यात्रा को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाती है। 2018 में शुरू हुई इस project की कुल लंबाई 201.33 किलोमीटर है और इसका बजट 3350 करोड़ रुपये से अधिक है। यह सड़क न केवल शहरों के बीच दूरी कम करती है, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है। स्थानीय निवासियों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि इससे यातायात की समस्या कम होगी।
इस highway के निर्माण से गुजरात की अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी, क्योंकि सौराष्ट्र के उद्योगों को अहमदाबाद जैसे बड़े बाजार से सीधा जुड़ाव मिलेगा। सरकार द्वारा इसे दो एजेंसियों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जो राजस्थान और अहमदाबाद से जुड़ी हैं। इस project की सफलता पर पूरे क्षेत्र की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह पर्यटन और परिवहन को भी मजबूत बनाएगा। कुल मिलाकर, यह विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है।
देरी के कारण और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस project में बार-बार देरी होने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें कोविड-19 महामारी, निर्माण सामग्री की कमी और प्रशासनिक बाधाएं शामिल हैं। शुरू में 2020 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सात बार एक्सटेंशन मिलने के बाद अब जुलाई 2025 की समयसीमा तय की गई है। इन देरियों से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है, जैसे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं। संसद में भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए गए हैं, जो इसकी गंभीरता को दर्शाते हैं।
ऐतिहासिक रूप से देखें तो यह highway गुजरात की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, लेकिन प्रबंधन की कमियों ने इसे लंबा खींच दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर review किए जाने के बावजूद, ठेकेदारों की लापरवाही ने समस्या बढ़ाई है। इन देरियों से budget में भी वृद्धि हुई है, जो करदाताओं पर बोझ डाल रही है। कुल मिलाकर, यह परियोजना गुजरात के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की चुनौतियों को उजागर करती है।

वर्तमान स्थिति और पूर्ण हुए कार्य
वर्तमान में इस project का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है, जिसमें सायला से लिंबड़ी तक की सड़क पूरी तरह तैयार है। पिछले साल नौ फ्लाईओवर ब्रिज जैसे डोलिया फ्लाईओवर और जानीवादला अंडरपास को यातायात के लिए खोल दिया गया है। मुख्य कैरिजवे के कई हिस्सों में काम समाप्त हो गया है, जो यात्रियों को कुछ राहत दे रहा है। अधिकारियों के अनुसार, 193 किलोमीटर से अधिक का कार्य पहले ही खत्म हो चुका है।
इस highway की प्रगति को देखें तो अहमदाबाद से बागोदरा तक के 40 किलोमीटर में मुख्य सड़क तैयार है, जबकि सर्विस रोड पर काम चल रहा है। चरण-दो में सनाथल ब्रिज और हिरासर एयरपोर्ट ट्रम्पेट का निर्माण शुरू हो गया है। इन पूर्ण कार्यों से connectivity में सुधार आया है, और सौराष्ट्र क्षेत्र के लोग अब तेज यात्रा की उम्मीद कर सकते हैं। कुल स्थिति सकारात्मक है, लेकिन कुछ हिस्से अभी भी ध्यान मांगते हैं।
बाकी बचे कार्य और सामने आने वाली चुनौतियां
अभी भी कई महत्वपूर्ण कार्य बाकी हैं, जैसे हिरासर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाईओवर ब्रिज और बागोदरा के पास ब्रिज का निर्माण। राजकोट से लिंबड़ी और लिंबड़ी से अहमदाबाद तक सर्विस रोड का काम अधर में लटका है। कुवाडवा गांव के पास 6-6 किलोमीटर सर्विस रोड एक से डेढ़ महीने में पूरा होने की उम्मीद है। इन चुनौतियों से traffic प्रबंधन प्रभावित हो रहा है, और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा है।
इस project में सबसे बड़ी चुनौती कुवाडवा ओवरब्रिज है, जिसका डिजाइन फाइनल हो चुका है और एजेंसी को काम सौंपा गया है। इसे बनाने में नौ महीने लगेंगे, जो जुलाई 2026 तक पूरा हो सकता है। मौसम और श्रमिकों की उपलब्धता जैसी समस्याएं भी बाधा डाल रही हैं। इन बचे कार्यों को पूरा करने के लिए सख्त monitoring की जरूरत है, ताकि आगे देरी न हो।
Ahmedabad rajkot highway route map
सरकारी दावे और भविष्य की योजनाएं
सरकार का दावा है कि कुवाडवा ओवरब्रिज को छोड़कर सारा काम तीन महीने में पूरा हो जाएगा, और नवंबर 2025 तक हाईवे पूरी तरह चालू हो जाएगा। राजकोट पश्चिम की विधायक डॉ. दर्शिताबेन शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद इस project की समीक्षा कर रहे हैं। संसद में राजकोट सांसद परशोत्तम रूपाला द्वारा उठाए गए सवाल पर सरकार ने जवाब दिया कि बड़ा हिस्सा पूरा है। इन दावों से उम्मीद बंधती है, लेकिन समय पर अमल जरूरी है।
भविष्य में इस highway पर चार टोल प्लाजा लगाए जाएंगे, जिनमें से एक मलियासन के पास बनेगा। गुजरात में 69 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं चल रही हैं, जिनका कुल बजट 55,614 करोड़ रुपये है। ये 2029-30 तक पूरी होंगी, जो राज्य के infrastructure को मजबूत बनाएंगी। सरकारी योजनाएं विकास को गति देंगी, लेकिन पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
निष्कर्ष
यह project गुजरात के विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, लेकिन सात साल की देरी ने कई सवाल खड़े किए हैं। अधिकारियों के दावों के अनुसार नवंबर 2025 तक पूरा होने से यात्रा समय घटकर 2.5 घंटे रह जाएगा, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। हालांकि, पिछली देरियां विश्वास को प्रभावित करती हैं, और सख्त supervision की जरूरत है। क्या यह दावा हकीकत बनेगा, यह समय बताएगा।
पाठकों को सोचना चाहिए कि ऐसे बड़े infrastructure प्रोजेक्ट्स में समयबद्धता क्यों जरूरी है, क्योंकि ये जनता की सुविधा से जुड़े हैं। अगर ये समय पर पूरे हों, तो गुजरात जैसे राज्य राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल कायम कर सकते हैं। अंत में, पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन ही सफलता की कुंजी है।
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Gujarat’s Ahmedabad-Rajkot Highway: Current Status and November 2025 Target
अहमदाबाद-राजकोट सिक्स लेन हाईवे से संबंधित 10 सामान्य प्रश्न और उत्तर
1. अहमदाबाद-राजकोट सिक्स लेन हाईवे परियोजना क्या है?
यह राष्ट्रीय राजमार्ग NH-47 का हिस्सा है, जो गुजरात के अहमदाबाद को सौराष्ट्र के राजकोट से जोड़ता है। इस project की लंबाई 201.33 किलोमीटर है, और इसका उद्देश्य यातायात को तेज और सुरक्षित बनाना है। 2018 में शुरू हुआ यह highway व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा। इसका बजट 3350 करोड़ रुपये से अधिक है।
2. इस हाईवे के निर्माण में देरी क्यों हो रही है?
देरी के पीछे कोविड-19, सामग्री की कमी, और प्रशासनिक समस्याएं जैसे कारण हैं। सात बार deadline बढ़ाई जा चुकी है, जिससे स्थानीय लोगों को ट्रैफिक जाम और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदारों की लापरवाही भी एक बड़ा कारण है। अब नवंबर 2025 तक पूरा होने का दावा है।
3. इस परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है?
सायला से लिंबड़ी तक का रास्ता पूरा हो चुका है, और नौ फ्लाईओवर जैसे डोलिया और जानीवादला अंडरपास चालू हैं। 193 किलोमीटर से अधिक का construction पूरा हुआ है। हालांकि, कुवाडवा ओवरब्रिज और कुछ सर्विस रोड का काम अभी बाकी है।
4. कुवाडवा ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूरा होगा?
कुवाडवा ओवरब्रिज का design फाइनल हो चुका है, और एजेंसी को काम सौंपा गया है। इसे बनाने में लगभग नौ महीने लगेंगे, यानी जुलाई 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह bridge परियोजना का सबसे जटिल हिस्सा है।
5. इस हाईवे से गुजरात को क्या फायदा होगा?
यह highway सौराष्ट्र और अहमदाबाद के बीच connectivity को बेहतर बनाएगा, जिससे व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यात्रा का समय 2.5 घंटे तक कम होगा, और उद्योगों को बड़े बाजारों से जुड़ने का मौका मिलेगा। यह आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
6. क्या इस परियोजना में सरकारी निगरानी हो रही है?
हां, मुख्यमंत्री स्वयं इस project की समय-समय पर review कर रहे हैं। राजकोट की विधायक डॉ. दर्शिताबेन शाह और सांसद परशोत्तम रूपाला ने भी इसकी प्रगति पर जोर दिया है। सरकार का दावा है कि जल्द काम पूरा होगा।
7. इस हाईवे पर कितने टोल प्लाजा होंगे?
इस highway पर चार टोल प्लाजा बनाए जाएंगे, जिनमें से एक मलियासन के पास होगा। ये टोल प्लाजा राजस्व बढ़ाएंगे और सड़क रखरखाव में मदद करेंगे। इनका निर्माण infrastructure विकास का हिस्सा है।
8. स्थानीय लोगों को इस देरी से क्या समस्याएं हो रही हैं?
देरी के कारण ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाएं, और यात्रा में असुविधा बढ़ी है। अधूरी सड़कों और सर्विस रोड की कमी से traffic प्रबंधन प्रभावित हुआ है। स्थानीय लोग इस project के जल्द पूरा होने की मांग कर रहे हैं।
9. क्या यह हाईवे गुजरात की अन्य परियोजनाओं से अलग है?
यह highway गुजरात की 69 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में से एक है, जिनका कुल budget 55,614 करोड़ रुपये है। यह सौराष्ट्र को अहमदाबाद से जोड़ने में खास है, क्योंकि यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देगा।
10. इस परियोजना के भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
सरकार का दावा है कि नवंबर 2025 तक highway पूरी तरह चालू हो जाएगा। इसके बाद, यह गुजरात के infrastructure को मजबूत करेगा और 2029-30 तक चल रही अन्य परियोजनाओं के साथ तालमेल बनाएगा। पारदर्शिता और जवाबदेही इसकी सफलता की कुंजी होगी।