उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक महत्वपूर्ण infrastructure project चल रहा है, जो शहर की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस ring road का निर्माण न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि आसपास के इलाकों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। परियोजना की कुल लागत लगभग 1138 करोड़ रुपये है, और इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से शुरू होकर विभिन्न गांवों से गुजरते हुए शहर को घेरते हुए पूरा होगा, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
इस project की शुरुआत से ही प्रशासन ने इसे प्राथमिकता दी है, ताकि बस्ती शहर ट्रैफिक जाम की समस्या से मुक्त हो सके। कंपनी भारद्वाज को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो अपने अनुभव के आधार पर काम को तेजी से आगे बढ़ा रही है। मार्ग की लंबाई करीब 22.150 किलोमीटर है, और यह आयोध्या, गोण्डा तथा अम्बेडकर नगर जैसे जिलों से जुड़ाव बढ़ाएगा। इससे न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
भूमि अधिग्रहण की वर्तमान स्थिति
भूमि अधिग्रहण का काम इस project का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, और अब तक 84 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कुल 111 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहित किया गया है, जिसमें 53 गांव शामिल हैं। किसानों को उचित compensation देने के लिए 304.97 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, और इसमें से अधिकांश राशि वितरित हो चुकी है। प्रशासन ने शेष राशि के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है, ताकि जल्द से जल्द भुगतान हो सके।
कुछ किसानों के मामलों में court disputes और हिस्सेदारी के विवाद के कारण 29.07 करोड़ रुपये अभी बकाया हैं, लेकिन इन्हें सुलझाने के प्रयास जारी हैं। कुल 7152 काश्तकारों को लाभ पहुंचाने वाली इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखी गई है, जिससे विश्वास बढ़ा है। Land acquisition की प्रगति से निर्माण कार्य में तेजी आई है, और स्थानीय लोग अब इस बदलाव को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं। इससे गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, क्योंकि नई सड़क से बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी।

निर्माण कार्य की प्रगति
निर्माण कार्य अब धरातल पर उतर चुका है, जहां विभिन्न स्थानों पर excavation और पाइलिंग का काम जोरों पर है। सोनूपार से दसकोलवा तक फ्लाईओवर का ढांचा तैयार हो रहा है, और पोकलेन मशीनों से चार किलोमीटर क्षेत्र में खुदाई पूरी हो चुकी है। Construction टीम दिन-रात मेहनत कर रही है, ताकि समय सीमा के अंदर काम पूरा हो। बेलाड़ी से पिपरा-गौतम मार्ग पर भी प्रगति दिख रही है, जहां मिट्टी की भराई शुरू हो गई है।
इस project में शामिल इंजीनियरों की टीम ने बताया कि कुआनो नदी के पास ब्रिज का निर्माण चुनौतीपूर्ण है, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञता से इसे संभाला जा रहा है। दसकोलवा, छितही नरसिंह और बायपोखर जैसे गांवों में भूमि की निशानदेही पूरी हो चुकी है, और 11 किलोमीटर हिस्से में काम आगे बढ़ा है। Progress की निगरानी के लिए नियमित inspection हो रही है, जो परियोजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है। इससे न केवल सड़क मजबूत बनेगी, बल्कि सुरक्षा मानकों का भी पालन होगा।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएं
इस ring road में चार फ्लाईओवर, एक रेलवे ब्रिज, पांच अंडरपास और एक बड़ा ब्रिज शामिल हैं, जो क्रॉसिंग पॉइंट्स पर यातायात को बाधारहित बनाएंगे। कुल 37 बॉक्स कल्वर्ट बनाए जा रहे हैं, ताकि जल निकासी की समस्या न हो। Design चार लेन का है, जो भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। गोटवा से सदईया सूजी मिल तक का मार्ग प्रमुख सड़कों और रेलवे लाइनों को पार करेगा, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इस project का सीधा प्रबंधन कर रहा है, जो इसकी विश्वसनीयता को बढ़ाता है। बस्ती-महुली और बस्ती-कांटे मार्गों पर ओवरब्रिज या अंडरपास का निर्माण ट्रैफिक फ्लो को सुधारेंगे। Features जैसे हाईवे इंजीनियरिंग के आधुनिक तरीके अपनाए जा रहे हैं, जो पर्यावरण अनुकूल भी हैं। इससे न केवल स्थानीय यातायात आसान होगा, बल्कि दूर-दराज के इलाकों से आने-जाने में सुविधा मिलेगी।
क्षेत्रीय विकास पर प्रभाव
यह project बस्ती सदर क्षेत्र के करीब 200 गांवों की तस्वीर बदल देगा, जहां पहले चरण में 53 गांवों पर फोकस है। आर्थिक विकास के नए द्वार खुलेंगे, क्योंकि बेहतर connectivity से व्यापार और पर्यटन बढ़ेगा। किसानों को न केवल मुआवजा मिला है, बल्कि नई सड़क से उनकी उपज बाजार तक तेजी से पहुंचेगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, खासकर निर्माण और परिवहन क्षेत्र में।
स्थानीय समुदाय इस बदलाव से उत्साहित है, क्योंकि ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और सुरक्षा बढ़ेगी। Impact इतना व्यापक होगा कि आसपास के जिलों जैसे आयोध्या और गोण्डा से व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे। Development की दृष्टि से यह परियोजना एक मील का पत्थर साबित होगी, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को शहरों से जोड़ेगी। इससे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो जाएगी, जिससे जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
निष्कर्ष
बस्ती रिंग रोड project उत्तर प्रदेश के विकास की एक मजबूत कड़ी है, जो यातायात सुधार और आर्थिक उन्नति का वादा करती है। 84 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण और निर्माण की प्रगति से साफ है कि 2027 तक यह सपना हकीकत बन जाएगा। Progress की यह गति स्थानीय लोगों के लिए उम्मीद की किरण है, लेकिन चुनौतियों जैसे विवादों को समय पर सुलझाना जरूरी है। क्या यह परियोजना बस्ती को एक आधुनिक शहर में बदल देगी? यह सवाल पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है, क्योंकि इससे जुड़े लाभ लंबे समय तक प्रभाव डालेंगे।
इस initiative से न केवल 53 गांवों का कायाकल्प होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में sustainable development की नींव मजबूत होगी। सरकार और स्थानीय प्रशासन की भागीदारी इसे विश्वसनीय बनाती है, और भविष्य में ऐसी और परियोजनाओं की जरूरत है। पाठक अब इस बदलाव का हिस्सा बनकर योगदान दे सकते हैं, ताकि विकास की गति और तेज हो।
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